2025 में दिवाली कब है? तारीख, पूजा मुहूर्त और सम्पूर्ण जानकारी
28 March 2025 | vedic-culture
Views Views 1826
भारत का सबसे प्रमुख और प्रिय त्योहारों में से एक है दीपावली। यह त्योहार विशेष रूप से भारत, नेपाल, श्रीलंका, मलेशिया, और सिंगापुर में मनाया जाता है, लेकिन अब यह विश्वभर में लोकप्रिय हो गया है। दीपावली का त्योहार पांच दिवसीय होता है और इसे अंधकार से प्रकाश की ओर, अज्ञान से ज्ञान की ओर, और बुराई से अच्छाई की ओर जाने के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। दीपावली का पर्व प्रेम, खुशी, और समृद्धि का प्रतीक है, और यह मुख्य रूप से देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए मनाया जाता है।
इस दिन घर-घर दीप जलाए जाते हैं, रात्रि को आकाश में पटाखे फोड़े जाते हैं, और लोग एक-दूसरे को मिठाइयाँ और शुभकामनाएँ भेजते हैं। आइए इस ब्लॉग से जानते हैं 2025 Mein Diwali Kab Hai.
तो कब है दिवाली ?
2025 में दीपावली की तिथि 20 अक्टूबर को पड़ेगी। यह तारीख हिंदू पंचांग के अनुसार, शरद ऋतु के अंधेरे पक्ष की अमावस्या तिथि को निर्धारित की गई है, जो देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए अत्यधिक महत्व रखती है। यह दिन विशेष रूप से खुशहाली, समृद्धि और आशीर्वाद के रूप में मनाया जाता है।
दीपावली की कहानी
दीपावली की कहानी बहुत रूपों में प्रचलित है, लेकिन सबसे प्रसिद्ध और मान्य कथा राक्षस राजा रावण पर भगवान श्रीराम की विजय से जुड़ी हुई है। रामायण के अनुसार, भगवान श्रीराम माता सीता के साथ 14 वर्षों का वनवास समाप्त करने के बाद अयोध्या लौटे थे।
उनकी वापसी की खुशी में अयोध्यावासियों ने दीप जलाए थे ताकि राम और सीता के स्वागत में अंधकार दूर हो सके और प्रकाश फैले। यही कारण है कि दीपावली पर दीप जलाने की परंपरा है।
इसके अलावा, दीपावली का एक अन्य महत्व भी है। इसे 'नरक चतुर्दशी' या 'काली चौदस' के रूप में भी मनाया जाता है, जब भगवान श्री कृष्ण ने राक्षसों का संहार किया था। इस दिन को 'नरकासुर वध' के रूप में मनाया जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।
दीपावली को लेकर एक और प्रसिद्ध मान्यता है, जिसमें बताया गया है कि इस दिन देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर अवतरित होती हैं और घर-घर जाकर धन और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। इसी कारण दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा विशेष रूप से होती है।
दीपावली के पाँच दिन और उनकी विशेषताएँ:
दीपावली का पर्व पांच दिनों का होता है, जिनमें से प्रत्येक दिन का विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व होता है। इन पांच दिनों में प्रत्येक का अपना अलग रूप होता है:
- धनतेरस (पहला दिन)
दीपावली की शुरुआत धनतेरस से होती है, जो 'धन' और 'तेरस' (तीसरी तिथि) से जुड़ा हुआ है। इस दिन व्यापारी और घर के लोग घर में नए बर्तन, आभूषण, और धातु खरीदते हैं, क्योंकि इसे शुभ माना जाता है। यह दिन विशेष रूप से समृद्धि और धन की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण है।
- नरक चतुर्दशी (चौदह चौकड़ी)
इस दिन को 'काली चौदस' भी कहा जाता है। इसे विशेष रूप से बुराई के नाश और अच्छाई की विजय के रूप में मनाया जाता है। इस दिन रात्रि को दीप जलाए जाते हैं और घरों की सफाई की जाती है।
Read More Blogs: Tarot Reading Yes or No
- दीपावली (मुख्य दिन)
दीपावली का मुख्य दिन अमावस्या तिथि को पड़ता है, और इस दिन विशेष रूप से देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। घरों में दीप जलाए जाते हैं, पटाखे फोड़े जाते हैं, और खुशी का माहौल बनता है।
- गोवर्धन पूजा (चौथे दिन)
दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है, जो भगवान श्री कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की घटना को याद करती है। इस दिन विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में गोवर्धन पूजा का आयोजन होता है।
- भैया दूज (पाँचवे दिन):
दीपावली के अंतिम दिन भाई दूज मनाया जाता है, जिसमें भाई अपनी बहन के घर जाता है और उसे तिलक कर खुशहाली की कामना करता है। इस दिन को भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत बनाने का दिन माना जाता है।
दीपावली की पूजा और महत्व
दीपावली पर पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन घरों और मंदिरों में दीप जलाए जाते हैं और विशेष रूप से लक्ष्मी पूजा की जाती है। लक्ष्मी पूजन के दौरान घर के सभी कोनों को स्वच्छ किया जाता है, ताकि देवी लक्ष्मी का वास हो सके। पूजा में देवी लक्ष्मी, भगवान गणेश, और द्रव्य (धन) का पूजन किया जाता है।
इसके अलावा, दीपावली पर घरों में रंगोली सजाई जाती है, ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो। इस दिन लोग अपने मित्रों और रिश्तेदारों को उपहार भेजते हैं और एक-दूसरे से शुभकामनाएं देते हैं।
दीपावली 2025 पर क्या करें और क्या न करें
दीपावली भारत का सबसे महत्वपूर्ण और शुभ त्योहार है। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा कर सुख-समृद्धि की कामना की जाती है। आइए जानें, इस दीपावली पर किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
क्या करें:
- सफाई और सजावट:
दीपावली से पहले घर की अच्छे से सफाई करें और इसे रंगोली, दीये और फूलों से सजाएं।
- पूजन:
शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करें। पूजा में कमल का फूल, चावल, हल्दी और मौली का विशेष महत्व है।
- दीपदान:
Read More Blogs: Surya Dev 12 नाम के जपने का लाभ
घर के मुख्य द्वार और तुलसी के पास दीपक जरूर जलाएं। इसे शुभ और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।
- दान:
जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र या धन का दान करें। यह शुभ फल प्रदान करता है।
- सकारात्मक सोच:
इस दिन मन में शुद्ध और सकारात्मक विचार रखें। परिवार के साथ प्रेमपूर्वक त्योहार मनाएं।
क्या न करें:
- अत्यधिक पटाखे न फोड़ें:
पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पटाखों से बचें।
- क्रोध न करें:
दीपावली पर झगड़ा या नकारात्मकता से बचें। यह दिन सुख और शांति का होता है।
- दूषित भोजन से बचें:
स्वच्छ और ताजा भोजन करें। बाहर के तेलयुक्त भोजन से बचें।
- अंधेरा न रखें:
घर के हर कोने में दीपक जलाएं ताकि नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश न कर सके।
- ऋण न लें:
इस दिन उधार लेना या ऋण चुकाना अशुभ माना जाता है।
इस दीपावली 2025 को उत्साह, प्रेम और शांति के साथ मनाएं। सकारात्मक ऊर्जा को अपने जीवन में आमंत्रित करें और दूसरों के जीवन में भी रोशनी फैलाएं।
F.A.Qs
1. दिवाली 2025 की तारीख क्या है?
दिवाली 2025 में 21 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
2. दिवाली क्यों मनाई जाती है?
भगवान श्रीराम के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में दिवाली मनाई जाती है।
3. दिवाली पर क्या खास किया जाता है?
दिवाली पर घर की सफाई, सजावट, दीये जलाना और लक्ष्मी-गणेश की पूजा की जाती है।
By Manjeet Kumar
Vedic Meet Content Team
Recent posts
Paya in Astrology: Meaning, Types and How to Calculate in Astrology
Tarot Card Reading for Beginners: Everything You Need to Know
1414 Angel Number: New Beginnings and Stability
Bhadra Yoga in Astrology: Meaning, Formation, and Its Powerful Effects
Mars Darakaraka: Your Future Spouse and Relationships
The Seven Most Ancient Temples of India
Lifeline Palmistry: Decoding Secrets of Health