Tulsi Vivah 2025: कब है, विधि और महत्व

30 October 2025 | vedic-learnings

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पहले परिचय में ये जान लें कि Tulsi Vivah हिन्दू धर्म में एक बहुत ही शुभ त्योहार है। इस दिन हम पवित्र तुलसी (पवित्र तुलसी पौधा) को भगवान विष्णु या उनके अवतार ( शालिग्राम ) से विवाह के रूप में जोड़ते हैं। इस वर्ष Tulsi Vivah 2025 में 2 नवंबर 2025 (रविवार) को मनाया जा रहा है। यह तिथि कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी को दर्शाती है। पूजा-विधि और संस्कारों के साथ यह दिन विवाह-मौसम की शुरुआत का सूचक भी माना जाता है।


दूसरे परिच्छेद में हम थोड़ा विस्तार से देखेंगे कि यह त्योहार क्यों मनाया जाता है। तुलसी ( जिसे देवी तुलसी या वृन्दा देवी माना जाता है ) को भगवान विष्णु के साथ जोड़कर विवाह रूप में पूजना, उस आध्यात्मिक और पारिवारिक सौहार्द का प्रतीक है। इस संस्कार के माध्यम से यह माना जाता है कि घर में समृद्धि, संतुष्टि और वैवाहिक जीवन में शुभता आती है। विवाह-मौसम की शुरुआत के अलावा, जो लड़कियाँ अच्छे जीवनसाथी की कामना करती हैं और जिनके वैवाहिक जीवन में बाधाएं हैं, उनके लिए भी यह दिन विशेष महत्व रखता है।




tulsi vivah क्यों मनाया जाता है ?


Tulsi Vivah इसलिए मनाया जाता है क्योंकि यह देवी तुलसी (वृन्दा) और भगवान विष्णु/कृष्ण के विवाह का प्रतीक है। पारंपरिक रूप से यह संस्कार भक्ति और गृहस्थ धर्म के मेल का संदेश देता है। Tulsi Vivah करने से परिवार में आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ती है, घर में शांति आती है और वैवाहिक जीवन में प्रेम व समझौता बढ़ने की कामना की जाती है। यह त्योहार विवाह-मौसम की शुरुआत भी दर्शाता है, इसलिए समाज में शादी-सम्बन्धी शुभ गतिविधियाँ इस समय शुरू कर दी जाती हैं।


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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी को नकारात्मक शक्तियों से रक्षण करने वाली और घर में सुख-समृद्धि लाने वाली देवी माना जाता है। जिन परिवारों में वैवाहिक दरारें हैं, या आर्थिक तंगी चल रही है, वे श्रद्धा और भक्ति के साथ Tulsi Vivah करते हैं ताकि सकारात्मक परिवर्तन आए। पूजा में तुलसी को साड़ी, चूड़ी, फूल आदि पहनाकर सजाया जाता है और विष्णु/शालिग्राम के साथ विवाह समान संस्कार किये जाते हैं—वर-माला, हल्दी-कुमकुम, भोग आदि। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ये रस्में केवल दिखावे के लिए नहीं, बल्कि सच्चे भाव और श्रद्धा के साथ करने पर मन और समाज दोनों पर सकारात्मक असर डालती हैं।


1. तिथि और शुभ मुहूर्त


इस वर्ष Tulsi Vivah 2025 का दिन निम्नलिखित रूप से निर्धारित है:


  • तिथि: 2 नवंबर 2025 (रविवार)
  • द्वादशी तिथि आरंभ: 07:31 AM, 2 नवंबर 2025
  • द्वादशी तिथि समाप्त: 05:07 AM, 3 नवंबर 2025
  • यह तिथि कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है।


मुख्य उपयोग: इस तिथि के अनुसार पूजा-विधि करें और स्थानीय पंचांग में समय सुनिश्चित करें क्योंकि स्थानानुसार समय में थोड़ा भिन्न हो सकता है।


2. पूजा-विधि एवं प्रक्रिया


Tulsi Vivah के दिन निम्नलिखित मुख्य विधियाँ अपनाई जाती हैं:


  • तुलसी पौधे को सुन्दर साड़ी, सिंदूर, चूड़ी पहनाकर विवाह रूप में सजाया जाता है।
  • मंडप बनाना: चारों ओर गन्ने या केले की कुटी लगाकर मंडप तैयार किया जाता है।
  • तुलसी के बगल में या सामने Lord Vishnu / शालिग्राम की मूर्ति/शिला रखी जाती है।
  • वर-माला चढ़ाना, गाथबंधन करना, हल्दी-कुमकुम लगाना, अर्घ्य देना — ये सभी विवाह के समान संस्कार हैं।
  • पूजा के बाद भोग अर्पित करना, दीप-दीया जलाना, और व्रत पूरा करना।
  • मंडप सजाएं, तुलसी को सुशोभित करें
  • भगवान विष्णु / शालिग्राम को स्थान दें
  • हल्दी-कुमकुम-फूल-भोग आदि लगाएं
  • वर-माला और गाथबंधन करें
  • पूजा के बाद परिवार-सदस्यों के साथ भोग-प्रसाद वितरित करें


3. महत्व और लाभ


इस दिन क्यों पूजा करनी चाहिए , इसके पीछे कुछ कारण और लाभ हैं:


  • तुलसी को देवी वृन्दा रूप में माना जाता है और भगवान विष्णु/कृष्ण के साथ उनका विवाह, भक्ति-धर्म का प्रतीक है।
  • यह विवाह-की मौसम की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है — शादी-व्यवस्था के लिए शुभ-संधि देती है।
  • वैवाहिक जीवन में शांति, आर्थिक समृद्धि, पारिवारिक सुख की कामना के लिए यह दिन बहुत उपयोगी माना जाता है।
  • जिनके जीवन में विवाहित जीवन में संकट है, शादी में देरी है या आर्थिक तंगी चल रही है — ऐसे लोगों के लिए इस दिन का विशेष महत्व है।
  • घर में तुलसी-पूजा से नकारात्मक ऊर्जा कम होती है।
  • संगत-सुधार, प्रेम-बंधन में मजबूती आती है।
  • शुभ विवाह योग बनने की संभावना बढ़ती है।


4. किस तरह से तैयार करें और क्या-क्या ध्यान रखें


  • पहले घर को स्वच्छ करें और पूजा स्थल सजाएं।
  • तुलसी पौधे की देखभाल पहले दिन करें ,अगर आवश्यक हो तो नया पौधा लगाएं।
  • पूजा के लिए सामग्री तैयार रखें: हल्दी, कुमकुम, गिरी मालाएँ, फूल, चूड़ी-चुनरी, शालिग्राम आदि।
  • पूजा के समय परिवार-सदस्यों को शामिल करें ,मिलकर वृंदावन-मंडप की तरह माहौल बनाएं।
  • पूजा के बाद प्रसाद और भोग करें तथा तुलसी-पौधे के पास दीपक जलाएं।
  • विवाह-संस्कार की तरह भक्ति-भाव से करें, सिर्फ रूप-रिवाज नहीं।
  • स्थानीय समय, पंचांग अनुसार मुहूर्त देखें और पूजा-विधि में कोई गलती न हो।
  • याद रखें कि इस दिन पूजा सिर्फ महिला-कार्य नहीं, घर के सभी सदस्य शांत मन से कर सकते हैं।


Tulsi Vivah 2025 का यह अवसर हमें यह याद दिलाता है कि भक्ति, परिवार-सौहार्द, और शुभ-प्रारंभ कितने महत्वपूर्ण हैं। 2 नवंबर 2025 को होने वाला यह त्योहार सिर्फ एक धार्मिक रस्म नहीं, बल्कि घर-परिवार की समृद्धि, वैवाहिक जीवन की खुशहाली और रिश्तों में संतुलन लाने का साधन है। यदि आपका विवाहित जीवन थोड़ा असमर्थ है या आर्थिक हालात सही नहीं है, तो इस दिन की पूजा-विधि को समर्पित भाव से करना निश्चित रूप से लाभकारी हो सकता है। याद रखें ,रूप-रिवाज के पीछे भाव अधिक महत्वपूर्ण है। पूजा में पूरे हृदय से शामिल हों, और तुलसी-विवाह से आने वाले शुभ-परिणामों को अपनाएं।


FAQs 


 प्रश्न 1. Tulsi Vivah 2025 कब मनाया जाएगा?


उत्तर: Tulsi Vivah 2025 7 नवंबर 2025 (शुक्रवार) को मनाया जाएगा। इस दिन तुलसी माता और भगवान विष्णु के शालिग्राम स्वरूप का विवाह किया जाता है।


प्रश्न 2. Tulsi Vivah 2025 का महत्व क्या है?


उत्तर: Tulsi Vivah 2025 का धार्मिक महत्व बहुत बड़ा है। यह विवाह उत्सव देवउठनी एकादशी पर मनाया जाता है, जो देवताओं के चार महीने के विश्राम के बाद उनके जागरण का दिन होता है।


प्रश्न 3. तुलसी विवाह क्यों किया जाता है?


उत्तर: तुलसी विवाह इसलिए किया जाता है क्योंकि यह शुभता, समृद्धि और वैवाहिक सुख का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन तुलसी के विवाह से घर में लक्ष्मी का वास होता है।


प्रश्न 4. तुलसी विवाह के दिन क्या नियम माने जाते हैं?


उत्तर: इस दिन व्रत रखा जाता है, तुलसी माता की पूजा होती है, और तुलसी-शालिग्राम का विधिवत विवाह किया जाता है। इसके बाद प्रसाद और दान का विशेष महत्व होता है।


प्रश्न 5. अविवाहित लोग तुलसी विवाह क्यों करते हैं?


उत्तर: माना जाता है कि तुलसी विवाह करने से विवाह में आने वाली बाधाएँ दूर होती हैं और शीघ्र योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति होती है।


By
Vedic Meet Content Team

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