om kya hai ( ॐ क्या है? ) | ॐ की उत्पति कैसे हुई | ॐ उच्चारण के फायदे ?
3 July 2024 | meditation
Views 31
क्या है “ॐ” ?
“ॐ ” एक ध्वनि है जिसमे पूरा ब्रह्माण्ड समाया हुआ है। जिस प्रकार एक बीज से पेड़ जन्म लेता है , उसी प्रकार ॐ भी एक बीज है जिससे हर मंत्र बनते है। शिव पुराण ,में “ॐ ” की व्याख्या बहुत ही अच्छी तरह से की गयी है। ॐ को समझना ऐसा है जैसे ईश्वर को समझना। अगर आप ध्यान लगाते है तो आप पाएंगे की श्वास से लेकर हर वस्तु तक में ॐ का निवास होता है। om kya hai aur kaha se aaya hai , yeh sare jawab is article se mil jayenge.
इसका प्रयोग स्वयं आदियोगी यानि महादेव ने साधना के लिए प्रयोग किया था’. ॐ वह उच्चारण है जो आपके मन और तन को ईश्वर से जोड़ के आपको जीवन के गुड़ सत्य से अवगत करवाता है। तो आइये आज इस लेख के द्वारा हम जानते है ॐ क्या है ?
ॐ की उत्पति कैसे हुई ?
सबसे पहले शिव जी के मुख से ओंकार(ॐ ) प्रकट हुआ जो शिव जी के स्वरुप को बोध करवाता है। ओंकार एक तरह से वाच्य है और शिव जी वाचक है। शिव जी के उत्तरवर्ती मुख से अकार का , पश्चिम मुख से उकार का , दक्षिण मुख से मकार का , पूर्ववर्ती मुख से बिंदु का और मध्यवर्ती मुख से नाद का प्रकट हुआ। सब मिलकर एक होकर “ॐ ” अक्षर बन गया। तो इस तरह हमें मालूम होता है om kya hai . कहा जाता है पूरा वेद से करोड़ो मंत्र निकले हैं। शिवपुराण के अध्याय 9 में भगवान शिवजी ने ब्रह्मा जी और विष्णु जी को ॐ का अर्थ समझाते है। शिवजी कहते है की पूर्वकाल में उन्होंने अपने स्वरुप मंत्र का उपदेश किया है जो अब ओंकार नाम से प्रसिद है।
“ॐ ” और हमारा जीवन कैसे जुड़ा हुआ है ?
कहते है जीवन और मृत्यु ही अटल सत्य है। इस जन्म और मृत्यु के बीच का सफर जो होता है वह कर्म कहलाता है। कर्म एक तरह से फल पाने का मार्ग है। कर्म अच्छे भी होते है और बुरे भी। इन कर्मो में एक कर्म होता है भगवान की की उपासना जो हम मंत्रो , अनुस्थानो इत्यादि के द्वारा करतें हैं। क्या आपने ध्यान दिया है मंत्र पढ़ने वक़्त ॐ कितनी बार बोला है ? इस दुनिया का हर मंत्र में ॐ का इस्तेमाल होता है। हर धर्म में ॐ का अलग परिभाषा है।
ॐ जाप करने की विधि
- सुबह सूर्य उगने से पहले ॐ का उच्चारण करना चाहिए।
- ॐ मात्र एक शब्द न होकर एक ध्वनि है। जब हम इसका जाप करते हैं तो बोलते समय निकलने वाली ध्वनि से हमें बहुत लाभ मिलता है।
- अत: इसे सदैव शांत स्थान पर बैठ के ही ॐ का उच्चारण चाहिए।
- ओम बोलने से पहले जमीन पर पद्मासन में बैठ जाएं।
- इसके बाद आंखें बंद करते हुए पेट से ओम की ध्वनि निकालते हुए गहरी सांस छोड़ें।
- यदि आप ॐ का उच्च स्वर और गहरे विभक्ति के साथ उच्चारण करते हैं तो आपको ॐ कहने से अधिक लाभ होगा।
- एक बार में कम से कम 108 बार ॐ का जाप करना चाहिए।
- इसका पालन करके आप धीरे-धीरे उच्चारण को लंबा कर सकते
Read our Blog on shiv mantra
ॐ जाप के फायदे
जब आप ॐ का उच्चारण करते हैं, तो आपके शरीर के विभिन्न हिस्सों में कंपन होने लगता है, ‘अ’:- शरीर के निचले हिस्से में (पेट के करीब) कंपन करता है. ‘उ’– शरीर के मध्य भाग में कंपन होती है जो की (छाती के करीब) . ‘म’ से शरीर के ऊपरी भाग में यानी (मस्तिक) कंपन होती है।
हिंदू धर्म मानता है कि यदि आप इस शब्द का लगातार उच्चारण करते हैं, तो आप ब्रह्मांड की सभी शक्तियों से संपन्न हो जाएंगे। इसके अतिरिक्त, ओम शब्द का उच्चारण करने के कई मनोवैज्ञानिक, आध्यात्मिक और शारीरिक फायदे हैं। कहा जाता है कि ओम के अद्भुत फायदे हैं और सही ढंग से बोले जाने पर यह बेहद प्रभावी होता है। हालाँकि, कई लोग मंत्र बोलते समय इस शब्द का गलत उच्चारण करते हैं, जिससे उन्हें इसका पूरा लाभ नहीं मिल पाता है।
- ऐसा कहा जाता है कि ॐ का नियमित जप करने से याददाश्त और एकाग्रता में सुधार होता है।
- ॐ का बार-बार उच्चारण और जाप करने से तनाव और अनिद्रा जैसी समस्याओं से राहत मिल सकती है।
- ॐ का जाप करने से पूरे शरीर में कंपन पैदा होता है, जो फायदेमंद है।
- इसके अलावा, ॐ मंत्र का जाप करने से रक्तचाप और पेट की समस्याओं से राहत मिल सकती है।
- यदि ॐ का जाप एकाग्रता के साथ किया जाए तो यह आपको सकारात्मकता, शांति और ऊर्जा प्रदान करता है।
- ॐ के उच्चारण मात्र से ही शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है।
- ॐ का उच्चारण और जाप करने से आसपास के वातावरण में भी सकारात्मक ऊर्जा फैलती है।
तो ऊपर दिए गए ॐ के विवरण से हमें ज्ञात होता है की om kya hai ? हमें यह भी ज्ञात होता ॐ की उत्पति कैसे हुई और रोज़ाना उच्चारण से क्या क्या फायदे हमे होते हैं।
अतः ॐ का उच्चारण नियमित करें।
FAQ
1.) ॐ क्या है और इसकी उत्पति कैसे हुई ?
“ॐ ” एक ध्वनि है जिसमे पूरा ब्रह्माण्ड समाया हुआ है। इसकी उत्पति का विवरण शिव पुराण में दिया गया है।
2.) बाकि धर्मो में ॐ का क्या महत्व है ?
ॐ को ब्रह्माण्ड की पहली ध्वनि माना जाता है। हिन्दू धर्म , बौद्ध धर्म, और कई धर्मो में ॐ को केंद्रीय विचार भी बोला जाता है।
3.) क्या ॐ के जाप से आपको एकाग्रता मिलती है ?
यदि ॐ का जाप एकाग्रता के साथ किया जाए तो यह आपको सकारात्मकता, शांति और ऊर्जा प्रदान करता है।
Recent posts
सूर्य देव के 12 नाम के जपने का लाभ
Bhagya Rekha सफलता और संघर्ष का प्रतीक
Right Eye Blinking for Female Astrology meaning का मतलब क्या होता है ?
0202 Angel Number: Meaning, Importance and its influence over life.
108 names of lord krishna का दिव्य स्वरूप।
Which Colour to Wear on Which Day According to Astrology
Relationship, marriage, and business: The 7th House in Vedic Astrology