Raj Yog in Kundali: क्या आपकी कुंडली में राजयोग है ?
7 July 2025 | astrology
Views Views 1100
Raj Yog in Kundali का होना किसी भी व्यक्ति के जीवन में भाग्य और सफलता का संकेत माना जाता है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब कुंडली में शुभ ग्रहों की स्थिति और उनके बीच विशेष संयोग बनते हैं, तब राजयोग की स्थापना होती है। इस योग के प्रभाव से व्यक्ति को जीवन में मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा, सुख-सुविधाएं और आर्थिक समृद्धि प्राप्त होती है। राजयोग का नाम सुनते ही लोगों के मन में एक ऐसे व्यक्ति की छवि बनती है जो समाज में ऊंचा स्थान रखता है, जिसके पास भरपूर धन-संपत्ति होती है और जो जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है।
कुंडली में राजयोग कैसे बनता है?
कुंडली में Raj Yog in Kundali का निर्माण ग्रहों की दशा, शुभ ग्रहों की युति और भावों के संयोग पर निर्भर करता है। किसी भी जातक की कुंडली में जितने अधिक राजयोग बनते हैं, उस व्यक्ति की तरक्की और समाज में प्रतिष्ठा उतनी ही अधिक होती है। यह योग व्यक्ति को ‘रंक से राजा’ तक का सफर तय करने की शक्ति प्रदान करता है। शुभ राजयोगों के प्रभाव से व्यक्ति जीवन में निरंतर प्रगति करता है और समाज में अपनी अलग पहचान बनाता है। वैदिक ज्योतिष में कई प्रकार के राजयोगों का उल्लेख मिलता है, जो अलग-अलग ग्रहों और भावों के योग से निर्मित होते हैं।
आइये जानते है कुछ राजयोग के बारे में।
महाभाग्य राजयोग: जीवन में सौभाग्य का संकेत
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में अनेक प्रकार के राजयोगों का वर्णन है, जो आपके जीवन में राजसी सुख, ऐश्वर्य और सफलता प्रदान करते हैं। इन्हीं में से एक अत्यंत शुभ और अच्छा योग है "महाभाग्य राजयोग"।
यह योग किसी सामान्य व्यक्ति को भी समाज में उच्च स्थान और विशेष पहचान दिला सकता है। यह योग जन्म समय पर निर्भर करता है और सूर्य, चंद्रमा तथा लग्न की विशेष स्थिति से बनता है।
Read Our More Blogs: Rudra Abhishek
महाभाग्य राजयोग की विशेषताएं और निर्माण की शर्तें:
- यह योग अत्यंत शुभ माना गया है और यह सभी राजयोगों में श्रेष्ठ स्थान रखता है।
- इस योग के बनने के लिए जन्म का समय (दिन या रात्रि) अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- रात्रि में जन्म लेने वाले के लिए:
- यदि लग्न, जन्म के समय का चंद्रमा और सूर्य तीनों ही सम राशि(जैसे वृषभ, कर्क, कन्या, वृश्चिक, मकर, मीन) में हों,
- और आपका जन्म रात्रि के समय हुआ हो,
- तो महाभाग्य राजयोग बनता है।
दिन में जन्म लेने वाले के लिए:
- यदि लग्न, जन्म के समय का चंद्रमा और सूर्य तीनों ही विषम राशि (जैसे मेष, मिथुन, सिंह, तुला, धनु, कुंभ) में हों, और आपका जन्म दिन में हुआ हो,
- तो यह योग भी महाभाग्य राजयोग के रूप में कार्य करता है।
महाभाग्य राजयोग के फल:
- आपको जीवन में अत्यधिक भाग्यबल का साथ मिलता है।
- आपको को राजकीय सम्मान, प्रभावशाली पद और लोकप्रियता प्राप्त होती है।
- यह योग आपको धार्मिक, बुद्धिमान और विवेकी बनाता है।
- जीवन में कठिन से कठिन समय में भी सहायता और अवसरमिलते रहते हैं।
- व्यवसाय, राजनीति, प्रशासन या समाज सेवा में व्यक्ति को ऊँचाइयाँ प्राप्त होती हैं।
- यह योग स्त्रियों में बनने पर उन्हें सौंदर्य, आकर्षण और समृद्धि प्रदान करता है।
महाभाग्य राजयोग एक दुर्लभ योग है जो केवल कुछ ही लोगों के जन्मकुंडली में देखने को मिलता है। यदि यह योग आपकी कुंडली में बनता है, तो यह आपके जीवन को विशेष बना सकता है। परंतु इसके सटीक फलादेश के लिए कुंडली का गहराई से विश्लेषण आवश्यक है।
विपरीत राजयोग: जब बाधाएं बनती हैं सफलता का रास्ता
विपरीत राजयोग एक ऐसा शुभ योग है जो विपरीत परिस्थितियों में भी व्यक्ति को राजा के समान सफलता, सम्मान और समृद्धि प्रदान करता है। यह योग दिखने में नकारात्मक लगता है क्योंकि यह छठे, आठवें और बारहवें भाव से संबंधित होता है, जिन्हें 'दुष्ट भाव' माना जाता है। लेकिन जब इन भावों के स्वामी एक-दूसरे के घरों में जाकर स्थित होते हैं, तो यह योग विशेष फलदायी बन जाता है। ऐसे लोग कठिन हालातों से निकलकर जीवन में बहुत ऊंचाइयों को छूते हैं।
विपरीत राजयोग कैसे बनता है?
- जब छठे भाव (ऋण, रोग, शत्रु) का स्वामी आठवें या बारहवें भाव में स्थित हो
- जब आठवें भाव (आयु, रहस्य, संकट) का स्वामी छठे या बारहवें भाव में स्थित हो
- जब बारहवें भाव (हानि, व्यय, मोक्ष) का स्वामी छठे या आठवें भाव में स्थित हो
- इन योगों में शामिल ग्रह अगर शुभ दृष्टि में हों या बलवान हों, तो व्यक्ति को राजकीय सम्मान, शक्ति और प्रसिद्धि प्राप्त होती है।
विपरीत राजयोग के प्रकार
- हर्ष योग
- जब छठे भाव का स्वामी छठे, आठवें या बारहवें भाव में बैठता है ।
- व्यक्ति को रोगों से मुक्ति, शत्रुओं पर विजय और सेवा क्षेत्र में सफलता मिलती है ।
- सरल योग
- जब आठवें भाव का स्वामी छठे, आठवें या बारहवें भाव में स्थित हो ।
- व्यक्ति को जीवन के गहरे रहस्यों की समझ, अनुसंधान में सफलता, और लंबी आयु मिलती है ।
- विमल योग
- जब बारहवें भाव का स्वामी छठे, आठवें या बारहवें भाव में हो ।
- व्यक्ति संयमी, आध्यात्मिक, और त्यागी प्रवृत्ति का होता है, विदेश से लाभ भी मिलता है ।
विशेषताएं
- यह योग संघर्षों के बीच चमकने वाले व्यक्तित्व देता है
- व्यक्ति जीवन की कठिनाइयों से जूझकर बड़ा मुकाम हासिल करता है
- विपरीत परिस्थितियां व्यक्ति को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाती हैं
- यह योग उच्च पद, सरकारी सेवा, या न्याय से जुड़ी सफलता भी देता है
नीच भंग राजयोग: बुरे समय को अच्छे में बदलने वाला योग
नीच भंग राजयोग एक ऐसा विशेष राजयोग है जो व्यक्ति को विपरीत परिस्थितियों में भी राजसी सुख और सफलता दिलाता है। यह योग तब बनता है जब कोई ग्रह नीच राशि में स्थित हो और उसका नीचत्व अन्य ग्रहों की स्थिति से भंग हो जाए।
नीच भंग राजयोग के निर्माण की शर्तें:
- यदि कोई ग्रह नीच राशि में हो (उदाहरण: चंद्रमा वृश्चिक में, शुक्र कन्या में)।
- लेकिन वही ग्रह यदि किसी उच्च ग्रह के साथ युति कर ले या उस पर उच्च ग्रह की दृष्टि हो।
- या नीच ग्रह की राशि का स्वामी केंद्र में स्थित हो, तो नीचत्व भंग हो जाता है।
नीच भंग राजयोग के फल:
- विपरीत परिस्थितियों में भी सफलता मिलती है।
- व्यक्ति को शक्ति, प्रतिष्ठा और धन प्राप्त होता है।
- यह योग जीवन में उत्थान का संकेत होता है।
गजकेसरी राजयोग: बृहस्पति और चंद्रमा का शुभ संगम
गजकेसरी योग बहुत ही शुभ राजयोग माना जाता है। यह योग जातक को समाज में सम्मान, बुद्धिमानी और स्थायित्व प्रदान करता है।
गजकेसरी योग के निर्माण की शर्तें:
- चंद्रमा से केंद्र भाव (1, 4, 7, 10) में बृहस्पति का होना।
- इस योग पर किसी पाप ग्रह की दृष्टि नहीं होनी चाहिए।
गजकेसरी योग के प्रभाव:
- व्यक्ति को उच्च पद और समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है।
- धन, सुख-सुविधा और समृद्धि मिलती है।
- यह योग जीवन में स्थिरता और सकारात्मकता लाता है।
अमला योग: दशम भाव से आने वाला सम्मान
अमला योग एक सुंदर और शुभ राजयोग है जो जातक के जीवन में यश, कीर्ति और आर्थिक समृद्धि लाता है।
अमला योग के निर्माण की शर्तें:
- चंद्रमा से दशम भाव में कोई शुभ ग्रह (जैसे बृहस्पति, शुक्र, बुध) स्थित हो।
- इस शुभ ग्रह पर किसी पाप ग्रह (राहु, केतु, शनि, मंगल) की दृष्टि या युति न हो।
अमला योग के फल:
- व्यक्ति को समाज में सम्मान और प्रसिद्धि मिलती है।
- करियर में सफलता और ऊँचे पदों पर पहुँचने की संभावना होती है।
- यह योग विशेष रूप से प्रशासन, राजनीति और सार्वजनिक जीवन में लाभदायक है।
पंच महापुरुष योग: पाँच ग्रहों का पाँचवाँ चमत्कार
पंच महापुरुष योग पाँच शुभ ग्रहों से बनने वाला विशिष्ट राजयोग है, जो व्यक्ति को महानता और नेतृत्व प्रदान करता है।
पंच महापुरुष योग की संरचना:
- यह योग मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि ग्रहों से बनता है।
- जब इनमें से कोई भी ग्रह लग्न या केंद्र (1, 4, 7, 10) में स्थित हो, और वह उच्च या स्वराशि में हो।
पंच महापुरुष योग के पाँच स्वरूप:
- रुचक योग – मंगल से
- भद्र योग – बुध से
- हंस योग – गुरु से
- मालव्य योग – शुक्र से
- शश योग – शनि से
इस योग के फल:
- व्यक्ति को नेतृत्व, धन, बल, बुद्धि और सुख की प्राप्ति होती है।
- ये योग जीवन के हर क्षेत्र में ऊँचाइयाँ देने में समर्थ होते हैं।
पाराशरी राजयोग: केंद्र और त्रिकोण का महामिलन
पाराशरी राजयोग का नाम महर्षि पराशर के नाम पर रखा गया है और यह बहुत ही प्रभावशाली योग माना जाता है।
पाराशरी योग के निर्माण की शर्तें:
जब केंद्र (1, 4, 7, 10) और त्रिकोण (5, 9) भावों के स्वामी एक-दूसरे से युति या दृष्टि संबंध बनाएं।
पाराशरी योग के फल:
- जीवन में सफलता, भाग्यवृद्धि और राजसी सुख की प्राप्ति होती है।
- व्यक्ति का भाग्य और परिश्रम दोनों साथ मिलकर उसे सफलता की ऊँचाइयों पर पहुँचाते हैं।
Read Our More Blogs: Maa Kali Mantra
धन योग: कुंडली में धन वर्षा का संकेत:
धन योग वह विशेष योग है जो जीवन में आर्थिक उन्नति, समृद्धि और ऐश्वर्य प्रदान करता है।
धन योग की शर्तें:
- पहला, दूसरा, पांचवां, नौवां और ग्यारहवां भाव धन भाव होते हैं।
- जब इन भावों के स्वामी आपस में युति करें, दृष्टि डालें या एक-दूसरे की राशि में गोचर करें।
धन योग के फल:
- जीवन में आर्थिक उन्नति, संपत्ति और लग्ज़री जीवन की प्राप्ति।
- व्यक्ति को व्यापार, निवेश या नौकरी के माध्यम से अच्छा लाभ मिलता है।
Raj Yog in Kundali वैदिक ज्योतिष का एक अत्यंत महत्वपूर्ण भाग है, जो जातक के जीवन में अद्भुत परिवर्तन ला सकता है। महाभाग्य राजयोग, विपरीत राजयोग, नीच भंग योग, गजकेसरी योग, अमला योग, पंच महापुरुष योग, पाराशरी योग और धन योग — ये सभी योग जातक को भाग्यशाली बनाते हैं, उसे जीवन में सम्मान, सफलता, धन-संपत्ति और उच्च पद प्रदान करते हैं। हालांकि, इन योगों का प्रभाव पूर्ण रूप से समझने के लिए कुंडली का गहराई से और सटीक विश्लेषण आवश्यक होता है। यदि ये योग कुंडली में उपस्थित हैं और ग्रह मजबूत स्थिति में हैं, तो व्यक्ति को "रंक से राजा" बनने तक की शक्ति मिल सकती है।
FAQs
क्या हर Raj Yog in Kundali सफलता की गारंटी देता है?
नहीं,Raj Yog in Kundali का फल ग्रहों की दशा, दृष्टि और बल पर निर्भर करता है।
क्या Raj Yog in Kundali आमतौर पर हर कुंडली में होता है?
नहीं, कुछ विशेष राजयोग दुर्लभ होते हैं और केवल कुछ ही कुंडलियों में बनते हैं।
क्या विपरीत राजयोग भी शुभ होता है?
हाँ, यह विपरीत परिस्थितियों में भी सफलता दिलाने वाला शक्तिशाली योग है।
नीच भंग राजयोग में भी लाभ संभव है?
हाँ, जब नीच ग्रह का नीचत्व भंग होता है, तब वह व्यक्ति को उच्च पद और सम्मान देता है।
क्या राजयोग से विदेश यात्रा या नौकरी में लाभ हो सकता है?
हाँ, विशेष योग जैसे विमल योग या धन योग विदेश से लाभ और करियर उन्नति दे सकते हैं।
Recent posts
Best Days to Wash Hair in a Week: Astrology of Routines
Marriage Line Palmistry: What’s Next for Your Relationships?
Money Line Palmistry – What Does It Say About Your Wealth?
Standing Yoga Asanas - A Guide For Beginners
Parashari Raj Yoga: Types, Effects, And Cancellation
Venus Darakaraka: What It Means for Your Relationships and Finances
Nadi Astrology: Revealing Secrets Of Your Past, Present, And Future