Ganga Dussehra 2025: गंगा दशहरा का महत्व, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और विशेष जानकारी
21 May 2025 | vedic-learnings
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हिंदू धर्म में गंगा नदी को मां का दर्जा प्राप्त है। गंगा को मोक्षदायिनी, पवित्र और पुण्य देने वाली नदी माना गया है। साल भर में एक खास दिन आता है जब मां गंगा की विशेष पूजा की जाती है और इस दिन को Ganga Dussehra कहा जाता है। यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ा होता है, बल्कि आध्यात्मिक शुद्धि और पापों से मुक्ति पाने का अवसर भी प्रदान करता है।
Ganga Dussehra 2025 कब है?
Ganga Dussehra 2025 में 5 जून, गुरुवार को मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार दशमी तिथि की शुरुआत 4 जून 2025 की रात 11:54 बजे होगी और यह तिथि 6 जून की रात 2:15 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार यह पर्व 5 जून को मनाया जाएगा।
Ganga Dussehra का धार्मिक महत्व
पौराणिक मान्यता के अनुसार, इसी दिन मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं। गंगा जी के धरती पर आने से समस्त जीवों को पापों से मुक्ति का मार्ग मिला। गंगा जल को अमृत तुल्य माना गया है। माना जाता है कि इस दिन गंगा स्नान, पूजा और दान करने से दस प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं। इसलिए इसे "दशहरा" कहा जाता है, यानी दस पापों का हरण।
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गंगा जी के नाम और स्वरूप
गंगा को वेदों और पुराणों में अनेक नामों से संबोधित किया गया है—जैसे भागीरथी, त्रिपथगा, जाह्नवी, सुरसरि आदि। मां गंगा को भगवान शिव ने अपनी जटाओं में स्थान दिया और धरती पर धीरे-धीरे प्रवाहित किया जिससे पृथ्वी को क्षति न पहुंचे।
Ganga Dussehra 2025 का शुभ मुहूर्त
- स्नान एवं दान का शुभ समय – सुबह 5 बजे से दोपहर 1:02 बजे तक श्रेष्ठ समय माना गया है।
- सिद्धि योग – प्रात: 9:14 बजे तक रहेगा।
- हस्त नक्षत्र और रवि योग – सुबह तक सक्रिय रहेंगे।
- तैतिल करण – दोपहर 1:02 बजे तक रहेगा।
- गर करण – रात 2:15 बजे तक रहेगा।
इन शुभ योगों में किया गया स्नान, पूजा और दान विशेष फलदायक होता है।
Ganga Dussehra पर क्या करें?
1. गंगा स्नान करें:
इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। यदि गंगा नदी तक जाना संभव न हो, तो घर पर स्नान के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इससे भी गंगा स्नान का पुण्य प्राप्त होता है।
2. मां गंगा की पूजा:
घर के मंदिर में दीपक जलाएं, गंगाजल का छिड़काव करें और मां गंगा की तस्वीर या मूर्ति के समक्ष फूल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें। मां गंगा की आरती करें और ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ या ‘ॐ गंगे नमः’ मंत्र का जाप करें।
3. दान पुण्य करें:
Ganga Dussehra पर दान का अत्यंत महत्व है। अन्न, वस्त्र, जलपात्र, पंखा, फल, गंगाजल, शर्बत, छाता आदि वस्तुओं का दान करें। गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन कराएं। यह सब कार्य आत्मिक संतोष और पुण्य प्रदान करते हैं।
4. पितरों की शांति के लिए तर्पण:
यह दिन पितृ तर्पण और पिंडदान के लिए भी उपयुक्त होता है। इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
5. भजन और कीर्तन करें:
इस दिन गंगा स्तुति, भजन और कीर्तन का आयोजन करना शुभ माना जाता है। गंगा लहरी, गंगा आरती, और गंगा सप्तमी से जुड़ी स्तुतियां पढ़ना लाभकारी होता है।
Ganga Dussehra के लाभ
- पापों से मुक्ति मिलती है
- मानसिक और आत्मिक शुद्धि होती है
- शरीर रोगमुक्त होता है
- पितृ दोष की शांति मिलती है
- पुण्य की प्राप्ति होती है
- मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है
- जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है
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Ganga Dussehra कैसे मनाएं?
- प्रात: काल जल्दी उठकर स्नान करें।
- शुद्ध वस्त्र पहनकर मां गंगा का ध्यान करें।
- घर में गंगाजल छिड़कें और वातावरण को पवित्र करें।
- मां गंगा की मूर्ति या चित्र के सामने घी का दीपक जलाएं।
- धूप, दीप, पुष्प, चंदन, फल और मिठाई से मां गंगा की पूजा करें।
- गंगा आरती करें और गंगा लहरी का पाठ करें।
- पूजा के बाद गरीबों को अन्न, वस्त्र और शीतल पेय का दान करें।
- परिवार में प्रसाद बांटें और मंगलकामनाएं करें।
विशेष सुझाव
- Ganga Dussehra पर व्रत रख सकते हैं। फलाहार करना शुभ माना जाता है।
- इस दिन झूठ न बोलें, क्रोध न करें और किसी का दिल न दुखाएं।
- प्रकृति और नदियों की सफाई और सुरक्षा का संकल्प लें।
- गंगा नदी में प्लास्टिक, फूलमालाएं या अन्य अपवित्र वस्तुएं न डालें।
Ganga Dussehra एक ऐसा पर्व है जो हमें आध्यात्मिक रूप से जोड़ता है और हमारे जीवन को पवित्रता की ओर ले जाता है। यह दिन केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह हमें प्रकृति, जल और जीवन की महत्ता का भी स्मरण कराता है। मां गंगा केवल एक नदी नहीं, बल्कि वह जीवनदायिनी शक्ति हैं। इस दिन स्नान, पूजा और दान से पापों का क्षय होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। आइए इस Ganga Dussehra पर हम सभी मिलकर मां गंगा के प्रति अपनी आस्था और कृतज्ञता प्रकट करें।
गंगा मैया की जय।
Faqs
प्रश्न 1: Ganga Dussehra 2025 कब मनाया जाएगा?
उत्तर: Ganga Dussehra 2025 इस वर्ष 5 जून को मनाया जाएगा। यह पर्व ज्येष्ठ मास की दशमी तिथि को आता है, जब गंगा नदी का धरती पर अवतरण हुआ था।
प्रश्न 2: Ganga Dussehra 2025 के दिन स्नान और दान का क्या महत्व है?
उत्तर: Ganga Dussehra 2025 के दिन गंगा में स्नान करने से दस प्रकार के पापों का नाश होता है। इस दिन तिल, वस्त्र, जल और अन्न का दान करना अत्यंत पुण्यकारी माना गया है।
प्रश्न 3: गंगा दशहरा क्यों मनाया जाता है?
उत्तर:गंगा दशहरा गंगा माता के धरती पर अवतरण की स्मृति में मनाया जाता है। इस दिन गंगा नदी के जल को पवित्र और मोक्षदायक माना जाता है।
प्रश्न 4: गंगा दशहरे पर कौन-से धार्मिक कार्य किए जाते हैं?
उत्तर:इस दिन गंगा स्नान, गंगा जल से पूजा, तुलसी के पौधे को जल देना, दान-पुण्य और भगवान शिव व विष्णु की आराधना की जाती है।
प्रश्न 5: क्या गंगा दशहरा केवल गंगा नदी के किनारे ही मनाया जाता है?
उत्तर: नहीं, गंगा दशहरा पूरे भारत में श्रद्धा से मनाया जाता है। जहां गंगा नदी नहीं है, वहां श्रद्धालु गंगाजल का प्रयोग करके पूजन करते हैं और स्नान करते हैं।
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