Ram Navami 2025: जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्त्व
26 February 2025 | vedic-learnings
Views Views 506
भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में जाना जाता है। उनका जन्म अयोध्या के महाराज दशरथ और माता कौशल्या की संतान के रूप में चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था। भगवान विष्णु के सातवें अवतार के रूप में श्रीराम ने जगत के कल्याण और अधर्म के विनाश के लिए अवतार लिया था। इस लेख में हम जानेंगे Ram Navami 2025 कब है, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस पर्व का महत्त्व।
Ram Navami कब है?
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का प्रारंभ 5 अप्रैल 2025 को शाम 7 बजकर 26 मिनट पर हो रहा है। यह तिथि 6 अप्रैल 2025 को शाम 7 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार, Ram Navami का पर्व रविवार, 6 अप्रैल 2025 को मनाया जाएगा।
राम नवमी के शुभ मुहूर्त
- मध्याह्न मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 8 मिनट से दोपहर 1 बजकर 39 मिनट तक।
- मध्याह्न का क्षण: दोपहर 12 बजकर 24 मिनट पर।
राम नवमी का धार्मिक महत्त्व
राम नवमी का पर्व हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्त्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम की पूजा करने से जीवन में शांति, समृद्धि और शुभ फलों की प्राप्ति होती है। भगवान राम का जीवन हमें धर्म, मर्यादा और आदर्श जीवन जीने की प्रेरणा देता है। त्रेता युग में उनके जन्म से अधर्म पर धर्म की विजय हुई थी। इसलिए इस दिन का धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से विशेष स्थान है।
राम नवमी पूजा विधि
1. स्नान और ध्यान:
राम नवमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद भगवान राम का ध्यान करें।
2. पूजा स्थल की तैयारी:
पूजा स्थल पर चौकी बिछाकर भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
3. पूजन सामग्री अर्पित करें:
भगवान को चंदन, रोली, धूप, दीप, पुष्प माला आदि अर्पित करें।
4. भोग अर्पण:
विभिन्न प्रकार के फलों और मिठाइयों का भोग लगाएं।
5. पाठ और स्तुति:
इस दिन रामायण, रामचरितमानस और रामरक्षा स्तोत्र का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
6. आरती और प्रसाद:
अंत में श्रद्धापूर्वक आरती करें और सभी में प्रसाद वितरित करें।
राम नवमी के दिन मंत्र जाप
श्रीराम बीज मंत्र:
“श्री रामाय नमः”
श्रीराम तारक मंत्र:
“श्री राम जय राम कोदण्ड राम”
राम गायत्री मंत्र:
“ दशरथये विद्महे सीतावल्लभाय धीमहि, तन्नो राम प्रचोदयात्।”
राम ध्यान मंत्र:
"आपदामपहर्तारम् दातारम् सर्वसम्पदाम्। लोकाभिरामम् श्रीरामम् भूयो-भूयो नमाम्यहम्।”
राम नवमी पर विशेष परंपराएं
राम नवमी के अवसर पर देशभर के राम मंदिरों में विशेष आयोजन होते हैं। अयोध्या नगरी में तो इस पर्व की भव्यता देखते ही बनती है। भक्तजन श्रीराम जन्मभूमि पर विशेष पूजन, भजन-कीर्तन और शोभायात्राएं आयोजित करते हैं।
राम नवमी का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्त्व
भगवान राम के आदर्शों पर चलना हर व्यक्ति के लिए प्रेरणादायक है। उनके जीवन से मर्यादा, धर्मपालन, सत्यवादिता और करुणा की शिक्षा मिलती है। राम नवमी के अवसर पर समाज में भी धार्मिक सद्भाव और सांस्कृतिक आयोजन देखने को मिलते हैं। इस दिन कथा-प्रवचन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
राम नवमी से जुड़ी मान्यताएं
- यह दिन जीवन में सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
- श्रीराम की पूजा से ग्रह दोषों का निवारण होता है।
- इस दिन व्रत रखने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
राम नवमी पर व्रत के नियम
- व्रती को इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
- बिना लहसुन-प्याज का सात्विक भोजन ग्रहण करें।
- दिनभर फलाहार करें और मन को शांत रखें।
- भगवान राम के भजन-कीर्तन में मन लगाएं।
राम नवमी के दिन के लाभ
- परिवार में सुख-शांति का वास होता है।
- नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
- भक्त को जीवन में आध्यात्मिक उन्नति मिलती है।
- भगवान राम की कृपा से सभी बाधाएं दूर होती हैं।
Ram Navami 2025
राम नवमी का पर्व धर्म, आस्था और उत्साह का प्रतीक है। भगवान राम के आदर्शों पर चलकर व्यक्ति अपने जीवन को सफल बना सकता है। 2025 में यह पर्व 6 अप्रैल को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान राम की पूजा, व्रत और रामायण पाठ करने से जीवन में शुभता का संचार होता है।
FAQ's
1. राम नवमी 2025 कब है?
राम नवमी 2025 का पर्व 6 अप्रैल 2025 (रविवार ) को मनाया जाएगा।
2. राम नवमी का धार्मिक महत्व क्या है?
राम नवमी भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु के सातवें अवतार श्रीराम का जन्म अयोध्या में हुआ था।
3. राम नवमी पर कौन से धार्मिक कार्य किए जाते हैं?
- भगवान राम की पूजा और हवन किया जाता है।
- रामायण पाठ का आयोजन होता है।
- मंदिरों में झांकियां सजाई जाती हैं।
- उपवास रखकर भगवान राम की आराधना की जाती है।
Recent posts
Yoni mudra: Do it daily for peace and calm in your life
Rakshas Gan: Know your personality traits
The best toilet direction as per Vastu for positive energy
Surya Namaskar Poses: How to do it and get benefits
Understanding shree yantra and its benefits in your life
History of Ayurveda: Doshas, essential Herbs and Effects.
Love Tarot Card Reading – Get Real Insights into Your Relationship