Surya Jal Arpan Mantra: महत्व और विधि

9 May 2025 | vedic-culture

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भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म में सूर्य देवता का विशेष स्थान है। वे न केवल प्रकाश और ऊर्जा के प्रतीक माने जाते हैं, बल्कि जीवनदाता भी कहे जाते हैं। ऋग्वेद से लेकर आधुनिक जीवनशैली तक, सूर्य पूजा का चलन जारी है। विशेष रूप से Surya Jal Arpan Mantra के साथ प्रतिदिन सूर्य को जल अर्पित करना एक बहुत ही शुभ और फलदायक परंपरा मानी जाती है।


इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे:


  • सूर्य जल अर्पण क्या है?


  • Surya Jal Arpan Mantra क्या होता है?
  • इसे कब और कैसे करें?
  • इसके लाभ क्या हैं?
  • वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से इसका महत्व
  • सूर्य को जल चढ़ाने की सही विधि
  • जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के उपाय


सूर्य को जल अर्पित करने की परंपरा क्या है?


सूर्य को जल देना एक प्राचीन वैदिक परंपरा है जिसे "अर्घ्य देना" भी कहा जाता है। प्रतिदिन सुबह स्नान के बाद जब सूर्य उदय हो रहा होता है, तो तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें रोली, अक्षत और लाल फूल डालकर सूर्य देव को अर्पित किया जाता है। इस दौरान Surya Jal Arpan Mantra का जाप किया जाता है।


Surya Jal Arpan Mantra क्या है?


जब आप सूर्य को जल अर्पित करते हैं, तो निम्नलिखित मंत्रों का उच्चारण किया जाता है:


1. मुख्य Surya Jal Arpan Mantra:


ॐ सूर्याय नमः।


या फिर थोड़ा विस्तृत मंत्र:


ॐ आदित्याय च सोमाय मङ्गलाय बुधाय च।

गुरु शुक्र शनिभ्यश्च राहवे केतवे नमः॥


2. गायत्री मंत्र (वैकल्पिक):


ॐ भूर् भुवः स्वः।

तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि।

धियो यो नः प्रचोदयात्॥


इन मंत्रों के साथ जल अर्पण करने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और आत्मा को शांति मिलती है।


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Surya Jal Arpan कब करना चाहिए?


  • समय: सुबह सूर्योदय के समय, यानी प्रातः 5:30 से 7:00 बजे के बीच।

  • दिशा: पूर्व दिशा की ओर मुख करके जल अर्पित करें।

  • स्थान: छत, बालकनी या खुले स्थान से करें ताकि सूर्य की किरणें सीधे शरीर पर पड़ें।


सूर्य जल अर्पण की विधि


1. स्नान करें – सबसे पहले शुद्ध होकर स्नान करें।

2. तांबे का लोटा लें – तांबे के पात्र में स्वच्छ जल भरें, उसमें थोड़ी सी रोली, चावल (अक्षत), और लाल फूल डालें।

3. पूर्व दिशा में खड़े हों – सूर्य की ओर मुख करके खड़े हो जाएं।

4. जल अर्पित करें – दोनों हाथों से लोटे को ऊपर उठाएं और धीरे-धीरे जल अर्पित करें। जल की धारा सूर्य की किरणों से मिलती हुई दिखाई देनी चाहिए।

5. Surya Jal Arpan Mantra का जाप करें – ऊपर दिए गए मंत्रों का उच्चारण करते हुए श्रद्धा से जल अर्पित करें।


सूर्य को जल देने के लाभ


1. मानसिक शांति और ऊर्जा में वृद्धि:


  • सूर्य की किरणों से शरीर को ऊर्जा मिलती है।
  • नियमित सूर्य अर्घ्य से चिंता, तनाव और आलस्य दूर होते हैं।


2. स्वास्थ्य में सुधार:


  • सूर्य की प्रथम किरणों में विटामिन D होता है, जो हड्डियों और त्वचा के लिए लाभकारी होता है।
  • यह पाचन क्रिया को ठीक करता है और रक्त संचार सुधारता है।

    सूर्य को जल देने के लाभ


3. ग्रह दोषों से राहत:


  • कुंडली में सूर्य कमजोर हो तो जल अर्पण से उसमें मजबूती आती है।
  • सरकारी नौकरी, मान-सम्मान और आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद मिलती है।


4. आंखों और दृष्टि के लिए लाभकारी:


  • सूर्य की किरणों से आंखों की रोशनी तेज होती है (ध्यान रहे, सीधे न देखें, जल की धारा में से देखें)।


5. आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता में वृद्धि:


  • सूर्य आत्मा का कारक है। नियमित रूप से अर्घ्य देने से निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है ।


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वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सूर्य को जल अर्पित करना


  • जल जब सूर्य की किरणों के सामने अर्पित किया जाता है, तो उससे "प्रिज्म" जैसा इफेक्ट बनता है, जिससे सूर्य की किरणें 7 रंगों में बंट जाती हैं।
  • ये रंग हमारे चक्रों को जागृत करते हैं और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं।
  • इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।


Surya Jal Arpan Mantra से जुड़ी विशेष बातें


  • यह मंत्र न सिर्फ एक आध्यात्मिक साधना है, बल्कि मानसिक एकाग्रता को भी बढ़ाता है।
  • मंत्रोच्चारण करते समय स्वर का कंपन शरीर और मन को संतुलित करता है।
  • यह मन को शांत करता है और दिन भर के लिए सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।


कुंडली में सूर्य कमजोर हो तो क्या करें?


अगर आपकी जन्म कुंडली में सूर्य ग्रह कमजोर है, तो निम्नलिखित उपाय करें:


  • प्रतिदिन Surya Jal Arpan Mantra के साथ जल अर्पित करें।
  • लाल रंग के वस्त्र पहनें या रुमाल रखें।
  • तांबे के बर्तन का उपयोग करें।
  • गुड़ और गेहूं का दान करें।


रविवार का व्रत रखें और सूर्य नमस्कार करें।


कौन लोग सूर्य को जल अर्पित न करें?


  • मासिक धर्म के दौरान महिलाएं यह क्रिया न करें।
  • बीमार व्यक्ति किसी और से यह करवाएं या मानसिक रूप से मंत्र जप करें।
  • रात में या सूर्यास्त के बाद यह क्रिया न करें।


वास्तविक जीवन के उदाहरण


1. ऑफिस में प्रमोशन रुका हुआ था:


राजीव नामक युवक ने नियमित रूप से Surya Jal Arpan Mantra के साथ सूर्य को जल चढ़ाना शुरू किया। कुछ ही महीनों में उसका आत्मविश्वास बढ़ा और उसका प्रमोशन भी हो गया।


2. बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लग रहा था:


एक माँ ने अपने बेटे के लिए सूर्य को जल चढ़ाना शुरू किया और बेटा भी धीरे-धीरे इसमें रुचि लेने लगा। उसकी एकाग्रता और प्रदर्शन में बहुत सुधार हुआ।


सूर्य देव के 12 नाम – आदित्य स्तुति


रविवार को विशेष रूप से इन नामों का जाप कर Surya Jal Arpan Mantra के साथ सूर्य को जल अर्पित करें:


  1. ॐ मित्राय नमः
  2. ॐ रवये नमः
  3. ॐ सूर्याय नमः
  4. ॐ भानवे नमः
  5. ॐ खगाय नमः
  6. ॐ पुष्णे नमः
  7. ॐ हिरण्यगर्भाय नमः
  8. ॐ मरीचये नमः
  9. ॐ आदित्याय नमः
  10. ॐ सवित्रे नमः
  11. ॐ अर्काय नमः
  12. ॐ भास्कराय नमः

सूर्य को जल अर्पित करना केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन को ऊर्जावान, अनुशासित और सकारात्मक बनाने की एक वैज्ञानिक और आध्यात्मिक विधि भी है। Surya Jal Arpan Mantra के साथ प्रतिदिन यह क्रिया करने से न केवल हमारे ग्रहों का संतुलन बनता है, बल्कि स्वास्थ्य, आत्मविश्वास, और मानसिक शांति भी प्राप्त होती है।


हर दिन की शुरुआत इस सुंदर और पवित्र परंपरा से करें और देखें कि आपके जीवन में कितने सकारात्मक बदलाव आते हैं।


F.AQs:


प्रश्न 1. Surya Jal Arpan Mantra क्या है और इसका महत्व क्या है?


उत्तर:  Surya Jal Arpan Mantra सूर्य देव को जल अर्पित करते समय बोला जाने वाला पवित्र मंत्र है। यह मंत्र सूर्य देव की कृपा प्राप्त करने, स्वास्थ्य सुधार, आत्मबल बढ़ाने और पितृ दोष शांति के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है।


प्रश्न 2. Surya Jal Arpan Mantra का जाप कब और कैसे करना चाहिए?


उत्तर: इस मंत्र का जाप प्रातःकाल सूर्योदय के समय पूर्व दिशा की ओर मुख करके करना चाहिए। तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें लाल पुष्प, अक्षत और रोली मिलाएं और सूर्य देव को अर्पित करते समय Surya Jal Arpan Mantra का उच्चारण करें।


प्रश्न3. क्या सूर्य को जल अर्पण करने से मानसिक शांति मिलती है?


उत्तर: जी हां, सूर्य को जल अर्पित करने से मानसिक शांति, आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है। यह दिन की शुरुआत को ऊर्जावान और शांत बनाता है।


प्रश्न 4. सूर्य को जल अर्पित करते समय कौन-कौन सी सावधानियां रखनी चाहिए?


उत्तर: जल अर्पित करते समय नंगे पाँव रहें


  • तांबे के पात्र का प्रयोग करें
  • सूर्य को सीधे न देखें
  • साफ मन और श्रद्धा से अर्पण करें


प्रश्न 5. क्या Surya Jal Arpan से नौकरी, स्वास्थ्य और वैवाहिक जीवन में लाभ होता है?


उत्तर: हां, नियमित सूर्य अर्घ्य से ग्रह दोष कम होते हैं। यह सूर्य की शुभ दृष्टि को बढ़ाता है, जिससे करियर, सेहत और वैवाहिक जीवन में स्थिरता और उन्नति होती है।


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By Manjeet Kumar
Vedic Meet Content Team